HOW BHOOT KI KAHANI CAN SAVE YOU TIME, STRESS, AND MONEY.

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Bhoot ki kahani

बाइक रुकने के साथ वो मेर नजदीक आई और कहने लगी …. क्या आप मुझे थोड़ी दूर छोड़ दोगे ……? ऐसा कहकर उसने मुझसे लिफ्ट मांगी इसपर पहले तो मैं मना कर दिया लेकिन बाद मैं मैंने सोंचा एक अकेली औरत इतनी रात को अकेले बीएस का इंतज़ार कर रही है और दूर दूर तक किसी बस ,ऑटो या किसी दूसरी सवारी गाडी आने की की संभावना भी नहीं है , तो मैंने अपने मन मैं सोंचा की मुझे एक औरत की मदद करनी चाहिए ।

एक गाँव मे हर अमावस्या की रात को एक भूत समोसा बेचने निकलता था। आधी रात होते ही भूत समोसे से भरी टोकरी सर पर […]

और वह नाश्ता मंगा कर खाने लगे .और उनको याद आया कि मेरे पास नींबू मिठाई भी रखी हुई है। तो उन्होंने उसे भी खा लिया .

रमेश घबराकर स्टेशन से भागने लगा। तभी उसका पैर एक लाश से टकरा गया और वह गिर पड़ा। उसने देखा कि सामने प्रसाद की लाश पड़ी थी और ऐसा लग रहा था कि उसे मरे हुए काफी दिन हो चुके थे। रमेश घबराकर उठने लगा और उठकर भागने लगा। लाश की आंखें खुली और वह रमेश के पैरों पर लिपट गई।

और तभी मुझे याद आया कि वो जो चिट्ठी आई थी। उसमें उसका पता तो होगा। फिर मैं उसका पता पढ़ कर उसके पते के अनुसार मैं उसके घर मिलने के लिए गया।

एक लड़की थी जिसका नाम था मीरा। मीरा को पड़ना बहुत पसंद था और उसके अंदर हर चीज को जानने की इच्छा थी । क्युकी वह बहुत समजदार थी इसलिए उसके १२ कक्षा में बहुत अच्छे मक्स आए जिस वजह से उसका दाकिला ...

गरुण पुराण के अनुसार कौन लोग नरक की यातना सहते है

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उस को बदलने में एक-दो घंटे लग जाऐंगे। हम सब लोग नीचे उतर गए. तभी उसने बोला पास में एक ढाबा है। वहां पर चाहो तो आप लोग जाकर बैठ कर आराम कर सकते हो। चाहो तो चाय पानी भी ले सकते हो। तब तक मैं गाड़ी का टायर बदल कर आ जाऊंगा। हम लोग पैदल चल कर ढाबे तक आए तो वहां एक बूढ़ा आदमी चाय बना रहा बना रहा था। हम लोग चाय पी रहे थे। कि मेरी नजर ढाबे के ऊपर गई.

उसने वह शॉल उठाया और सुबह घर लौट गया। वह इस हादसे को एक बुरे सपने की तरह भूल गया था। इतनी सुनसान जगह और इतनी गहरी रात। बुरा सपना ही होगा। रमेश तो इस वीराने में अपना मानसिक संतुलन खो दे। उसने सोचा कि उसे नींद आ रही थी और उसने नींद में सपना देखा। अगली रात वह फिर से ड्यूटी दे रहा था।

bhoot ki kahani को पढ़ना चाहते है। तो यहां पर हम ने कुछ bhoot ki kahani कहानी लिखी है जो सत्य घटना पर आधारित है। यह horror Tale को पढ़ा कर आपको काफी डर लगेगा।

मेरी माँ ने मुझे सुला दिया । और खुद घर के पीछे बैर का पेड़ लगा था । उसी के नीचे बैठकर रोने लगी ।

और बोला कि यहां पर जो आवाज आप लोगो ने सुनी थी। वह भूल जाना वरना आप लोग पूरी जिंदगी रोते रहोगे। इतने में ड्राइवर भी आ गया और हम लोग दौड़कर बस में बैठ गए ।

अंत में वे गुफा के द्वार पर पहुँचे। गुफा बहुत बड़ा था और जंगल से ढका हुआ था। धड़कते दिल के साथ, राम और सोनू ने अंदर कदम रखा। गुफा नम थी और अंदर अँधेरा था। वे दोनों टोर्च जलाकर अंदर जाने लगे।

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